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राम मंदिर बाद में #Metoo पहले

राम मंदिर बाद में #Metoo पहले फोटो : सोशल मीडिया अमृतसर रेल हादसे में पहली बार ट्रेन के चालक का बयान सामने आया है। चालक का कहना है कि उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन भीड़ ने ट्रेन पर पथराव कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनसे ट्रेन आगे बढ़ा दी। शुक्रवार को अमृतसर के जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे की जांच जारी है। इस बीच ट्रेन के चालक अरविंद कुमार का लिखित बयान सामने आया है। अरविंद कुमार ने कहा है कि, “घटना के दिन उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे। लेकिन, भीड़ ने जब पथराव शुरू कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन आगे बढ़ानी पड़ी।“ यह हादसा दशहरे के दिन हुआ था, जब रेल पटरी से सटे मैदान में रावण दहन हो रहा था। दहन होने के बाद भीड़ ने पीछे हटना शुरु कर दिया और पटरी पर जमा हो गई। इसी बीच वहां से ट्रेन गुजरी जिसकी चपेट में आकर 59 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा जख्मी हो गए। अब ट्रेन के चालक अरविंद कुमार ने अपना लिखित बयान जारी किया है। अरविंद कुमार ने लिखा है कि, “शुक्रवार शाम को जालंधर सिटी से चलने के बाद जब गा...

राम मंदिर बाद में #Metoo पहले

फोटो : सोशल मीडिया अमृतसर रेल हादसे में पहली बार ट्रेन के चालक का बयान सामने आया है। चालक का कहना है कि उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन भीड़ ने ट्रेन पर पथराव कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनसे ट्रेन आगे बढ़ा दी। शुक्रवार को अमृतसर के जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे की जांच जारी है। इस बीच ट्रेन के चालक अरविंद कुमार का लिखित बयान सामने आया है। अरविंद कुमार ने कहा है कि, “घटना के दिन उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे। लेकिन, भीड़ ने जब पथराव शुरू कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन आगे बढ़ानी पड़ी।“ यह हादसा दशहरे के दिन हुआ था, जब रेल पटरी से सटे मैदान में रावण दहन हो रहा था। दहन होने के बाद भीड़ ने पीछे हटना शुरु कर दिया और पटरी पर जमा हो गई। इसी बीच वहां से ट्रेन गुजरी जिसकी चपेट में आकर 59 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा जख्मी हो गए। अब ट्रेन के चालक अरविंद कुमार ने अपना लिखित बयान जारी किया है। अरविंद कुमार ने लिखा है कि, “शुक्रवार शाम को जालंधर सिटी से चलने के बाद जब गाड़ी जोड़ा फाटक के नजदीक पहुंची तो ग...

शशि थरूर का #Meetoo

शशि थरूर का #Meetoo  यदि किसी कहानी कथा का आरम्भ उसका प्रवेश द्वार है तो कहानी या पोस्ट का शीर्षक उस द्वार पर लिखा सुस्वागतम है। स्वागत है शशि थरूर जी आपका। आप भारत देश को समझा रहें हैं श्रेष्ठ हिन्दू ,श्रेष्ठ मुसलमान ,श्रेष्ठ ईसाई ,श्रेष्ठ बौद्ध ,श्रेष्ठ सिख ,श्रेष्ठ पारसी ,बनिया ,ब्राह्माण,शूद्र कौन ? (१ )पूछा जा सकता है क्या हिन्दू को आत्मा रक्षा का अधिकार नहीं है ? (२ )क्या मंदिर तोड़के मस्जिद बनाने वाला मुसलमान श्रेष्ठ है ? (३ )क्या वह मुसलमान श्रेष्ठ है जिसे भारत देश को तोड़ने के कामों में खर्ची के लिए हवाला से पैसा आ रहा है ? (४ )घाटी में अलगाव वादियों का समर्थन करने  वाला हिन्दू या मुसलमान श्रेष्ठ है ? (५ )वह हिन्दू श्रेष्ठ है जो नेहरू की तरह अपनी बीवी को तपेदिक में छोड़ के भाग गया था उसके पास समय नहीं था ? (६ )वह थरूर श्रेष्ठ है जिसने बीवी को आत्महत्या के कगार पे ले जाकर छोड़ दिया जबकि वह पहले  से अवसाद ग्रस्त थी,बायकायदा उसका इलाज़ भी चल रहा था ?  वह जुल्फिकार अली भुट्टो श्रेष्ठ थे जो कहते थे भारत के सीने पे घाव करते चलो हज़ार हज़ार। क्या आप...

कबीर बीजक जीव धन को बताता है

कबीर बीजक जीव धन को बताता है कबीर 'बीजक' जीव धन को बताता है  पांच तत्व के भीतरे गुप्त वस्तु स्थान , बिरला मरण  कोई पाइये गुरु के शब्द प्रमाण।  जीव (पांच तत्व के पुतले )के अंदर जो चैतन्य साक्षी है , वही संस्कारों का धारक है। माया और मन का बोध कराता है बीजक। जो अंदर है उसे हम बाहर खोजते हैं। आत्मा राम  सत्ता है। सारा प्रतीत परिवर्तनशील है। आत्मा राम सत्ता  यथार्थ है। मन मायाकृत  साक्ष्य है ,मिथ्या है। जीवन की सार्थकता है 'स्व :' और  'पर ' का बोध।  'स्व : ' तत्व सनातन है। सत्य सदैव सत्य रहता है ,'पर' एक प्रतीति है परिवर्तनशील है।  अंतर् ज्योत गुणवाचक है।  "अंतर् ज्योत शब्द एक नारी ,ताते हुए हरि ब्रह्मा त्रिपुरारी। " नारी शब्द का अर्थ यहां कल्पना शक्ति है।  अन्तर -ज्योत से ही सारे ज्ञान का विकास हुआ है। जीव  के अंदर एक शाश्वत तत्व  है वह अंतर्ज्योति है।  कबीर सृष्टि का  आरम्भ नहीं मानते हैं।  कबीर के यहां 'ब्रह्म' पहले अग्नि  को कहा गया। जो बढ़े (अग्नि की तरह )वह ब्रह...

मोकू कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में

मोकू  कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में                           (१ ) न तीरथ में न मूरत में न एकांत निवास में , न मन्दिर में न मस्जिद में ,न काबे कैलास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                            (२ ) न मैं जप में न मैं तप में ,न मैं बरत उपास में , न मैं किरिया  -करम में रहता ,न मैं जोग संन्यास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                           (३ ) न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में , न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में।  न मैं परबत के गुफा में ,न ही साँसों के सांस में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                          (४ )  खोजो तो तुरत मिल जावूँ ...